Logo
Court Book - India Code App - Play Store

शिकायत मिलने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आरक्षित निर्णय वाले मामले को वापस लिया, न्यायिक गरिमा की रक्षा का दिया हवाला

23 May 2025 9:30 PM - By Shivam Y.

शिकायत मिलने पर पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश ने आरक्षित निर्णय वाले मामले को वापस लिया, न्यायिक गरिमा की रक्षा का दिया हवाला

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश शील नागू ने न्यायिक गरिमा की रक्षा के लिए एक अहम कदम उठाते हुए एकल पीठ से एक मामला उस दिन वापस ले लिया जिस दिन उसका निर्णय सुनाया जाना था। यह फैसला एकल पीठ के विरुद्ध मौखिक व लिखित शिकायतें प्राप्त होने के बाद लिया गया।

भ्रष्टाचार से जुड़े इस मामले Roop Bansal v. State of Haryana की सुनवाई 2 मई को एकल पीठ द्वारा पूरी कर ली गई थी और निर्णय सुरक्षित रखा गया था। लेकिन 8 व 9 मई को मुख्य न्यायाधीश को शिकायतें प्राप्त हुईं, जिससे विचार के लिए समय कम बचा था। 10 मई को उन्होंने प्रशासनिक आदेश जारी कर मामला वापस लिया और 12 मई को दोपहर 3:30 बजे इसे स्वयं की अध्यक्षता में नई एकल पीठ के समक्ष सूचीबद्ध किया।

"यह मामला कुछ चिंताजनक परिस्थितियों में इस एकल पीठ, जो मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली है, के समक्ष आया है..."
— पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश

Read Also:- राजस्थान हाईकोर्ट: बच्चे की शैक्षणिक दस्तावेज़ों में मां का नाम होना उसका पूरा अधिकार

मुख्य न्यायाधीश ने स्पष्ट किया कि यह निर्णय "संस्था के हित" में और संबंधित न्यायाधीश की प्रतिष्ठा की रक्षा के लिए लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि मामलों के आवंटन या पुनः आवंटन का अधिकार पूरी तरह से मुख्य न्यायाधीश के अधीन है और यह न्यायिक जांच से परे है।

वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी, पुनीत बाली और राकेश नेहरा ने इस पर आपत्ति जताई कि जिस पीठ ने मामले की सुनवाई कर निर्णय सुरक्षित रखा है, वही उसे अंतिम निर्णय तक ले जाए। लेकिन मुख्य न्यायाधीश ने इस तर्क को अस्वीकार कर दिया।

"मुख्य न्यायाधीश रोस्टर के स्वामी हैं... सीमित समय में मुख्य न्यायाधीश के पास यही एक विकल्प था कि वह आरक्षित निर्णय वाले मामले को वापस लें और किसी अन्य एकल पीठ के समक्ष सूचीबद्ध करें।"
— मुख्य न्यायाधीश शील नागू

Read Also:- इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मोहम्मद ज़ुबैर के खिलाफ FIR रद्द करने से किया इनकार, निष्पक्ष जांच की आवश्यकता बताई

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि प्रशासनिक शक्तियों के अंतर्गत मुख्य न्यायाधीश किसी भी पीठ से मामला वापस ले सकते हैं, चाहे वह सुनवाई पूरी हो चुकी हो और निर्णय सुरक्षित किया गया हो। अगर आरक्षित मामलों को इस शक्ति से बाहर रखा जाए, तो इसका उद्देश्य ही विफल हो जाएगा।

"ऐसे मामलों में जहां पीठ की प्रतिष्ठा दांव पर होती है, वहीं दूसरी ओर संस्थान की समग्र प्रतिष्ठा और जनता का न्यायपालिका पर विश्वास होता है।"
— मुख्य न्यायाधीश शील नागू

कोर्ट ने कहा कि यह फैसला विवाद को समाप्त करने, संस्थान और संबंधित न्यायाधीश को और अधिक शर्मिंदगी से बचाने और शीघ्र निर्णय सुनिश्चित करने के लिए लिया गया था।

Read Also:- सुप्रीम कोर्ट ने सट्टेबाजी ऐप्स और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर बैन की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

"यदि मुख्य न्यायाधीश ने यह निवारक कदम नहीं उठाया होता... तो वह अपने कर्तव्य में विफल रहते और अपने द्वारा लिए गए शपथ का उल्लंघन करते।"
— पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट का आदेश

अंत में, अदालत ने सभी आपत्तियों को खारिज कर दिया और मामले को 26 मई 2025 को मेरिट पर सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया।

मामले का नाम: रूप बंसल बनाम राज्य हरियाणा

याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता: मुकुल रोहतगी, पुनीत बाली, राकेश नेहरा और अन्य

राज्य की ओर से: श्री दीपक बल्यान, अतिरिक्त महाधिवक्ता, हरियाणा

प्रवर्तन निदेशालय की ओर से: श्री जोहेब हुसैन और श्री लोकेश नारंग

Similar Posts

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका का विदाई समारोह: एक ऐसा न्यायाधीश जो संविधान और नैतिकता के लिए अडिग रहा

न्यायमूर्ति अभय एस. ओका का विदाई समारोह: एक ऐसा न्यायाधीश जो संविधान और नैतिकता के लिए अडिग रहा

23 May 2025 1:40 PM
मद्रास हाईकोर्ट द्वारा TASMAC मुख्यालय पर ईडी की तलाशी को सही ठहराने के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

मद्रास हाईकोर्ट द्वारा TASMAC मुख्यालय पर ईडी की तलाशी को सही ठहराने के फैसले के खिलाफ तमिलनाडु सरकार सुप्रीम कोर्ट पहुंची

20 May 2025 4:10 PM
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फोटो पहचान के लिए ₹500 शुल्क पर लगाई रोक, देशभर के किसी भी नोटरी के समक्ष शपथपत्र मान्य

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने फोटो पहचान के लिए ₹500 शुल्क पर लगाई रोक, देशभर के किसी भी नोटरी के समक्ष शपथपत्र मान्य

22 May 2025 11:39 AM
OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिव्यांगजनों के लिए ‘एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स’ को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया

OTT प्लेटफॉर्म्स पर दिव्यांगजनों के लिए ‘एक्सेसिबिलिटी स्टैंडर्ड्स’ को लेकर दिशानिर्देश जारी करने की प्रक्रिया तेज करने के लिए दिल्ली हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया

19 May 2025 10:20 PM
मनव शर्मा आत्महत्या मामला | 'सामान्य आरोप': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की मां और बहन को दी जमानत

मनव शर्मा आत्महत्या मामला | 'सामान्य आरोप': इलाहाबाद हाईकोर्ट ने पत्नी की मां और बहन को दी जमानत

21 May 2025 7:29 PM
सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया बार एग्जाम की फीस संरचना को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

सुप्रीम कोर्ट ने ऑल इंडिया बार एग्जाम की फीस संरचना को चुनौती देने वाली याचिका पर नोटिस जारी किया

20 May 2025 10:33 AM
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता द्वारा आरोपी से विवाह करने और अपराध न मानने के आधार पर POCSO मामले में सजा नहीं सुनाई

सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता द्वारा आरोपी से विवाह करने और अपराध न मानने के आधार पर POCSO मामले में सजा नहीं सुनाई

23 May 2025 1:18 PM
सुप्रीम कोर्ट ने सट्टेबाजी ऐप्स और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर बैन की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने सट्टेबाजी ऐप्स और सेलिब्रिटी एंडोर्समेंट पर बैन की याचिका पर केंद्र से मांगा जवाब

23 May 2025 5:09 PM
सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंडर्ड फॉर्म एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स की व्याख्या के नियम निर्धारित किए

सुप्रीम कोर्ट ने स्टैंडर्ड फॉर्म एंप्लॉयमेंट कॉन्ट्रैक्ट्स की व्याख्या के नियम निर्धारित किए

24 May 2025 12:15 PM
सुप्रीम कोर्ट: पागल को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, अनुच्छेद 21 के तहत रक्षा का अधिकार बरकरार

सुप्रीम कोर्ट: पागल को दोषी नहीं ठहराया जा सकता, अनुच्छेद 21 के तहत रक्षा का अधिकार बरकरार

24 May 2025 11:31 AM